Lawrence Bishnoi interview case: निलंबित डीएसपी गुरशेर सिंह विदेश भागे, लुकआउट नोटिस जारी

Lawrence Bishnoi interview case: पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी डीएसपी गुरशेर सिंह को जेल में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में बर्खास्त कर दिया गया है। पंजाब सरकार ने राज्यपाल से मंजूरी प्राप्त करने के बाद गुरशेर सिंह के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया, जिसके बाद गृह सचिव गुरकीरत किरण सिंह ने उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी किए। इसके साथ ही, गुरशेर सिंह के विदेश भागने की सूचना मिलने पर लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है।
हाई कोर्ट की फटकार
इस मामले में पंजाब सरकार को उच्च न्यायालय की ओर से कड़ी फटकार का सामना करना पड़ा था। पिछले सप्ताह, गृह विभाग ने डीएसपी को बर्खास्त करने के लिए पंजाब लोक सेवा आयोग को फाइल भेजी थी। राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में एक हलफनामा प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया था कि गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
गौरतलब है कि गुरशेर सिंह को अक्टूबर 2023 से निलंबित कर दिया गया था। यह मामला तब और गंभीर हो गया था जब उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार की कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए निचले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि राज्य सरकार के कार्यशैली पर अदालत में संदेह व्यक्त किया गया था।
लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू और पुलिस की भूमिका
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू मार्च 2023 में एक निजी चैनल पर प्रसारित किया गया था। इस इंटरव्यू को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लिया गया था और उस समय लॉरेंस बिश्नोई सीआईए खरार की हिरासत में था। इस मामले में डीएसपी गुरशेर सिंह जांच कर रहे थे। लॉरेंस बिश्नोई को 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया था।
डीएसपी गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने के आदेश इस कारण दिए गए क्योंकि उनका कर्तव्य था कि वे यह सुनिश्चित करें कि बिश्नोई का इंटरव्यू बिना किसी सरकारी अनुमति के न हो। हालांकि, इंटरव्यू के प्रसारण के समय पुलिस ने इस मामले में गंभीर लापरवाही दिखाई।
उच्च न्यायालय ने बनाई विशेष जांच टीम
हाई कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू के मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया था। हालांकि, शुरुआत में केवल निचले स्तर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। उच्च न्यायालय ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए केवल छोटे अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। इस पर राज्य सरकार ने अदालत को आश्वस्त किया था कि डीएसपी गुरशेर सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उन्होंने उच्च न्यायालय को इस प्रक्रिया से अवगत कराया था।
गुरशेर सिंह की विदेश भागने की खबर
पंजाब पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि गुरशेर सिंह ने देश से बाहर भागने की योजना बनाई थी। इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है ताकि वह देश से बाहर न भाग सकें। यह कदम उस वक्त उठाया गया जब पुलिस को यह जानकारी मिली कि वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश जा सकते हैं।
गुरशेर सिंह की गिरफ्तारी और मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए हर संभव कदम उठाने का फैसला किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और भी अधिकारी शामिल हो सकते हैं, जिन्हें भविष्य में गिरफ्तार किया जा सकता है।
इस मामले में क्या है बड़ा सवाल?
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू हुआ, तो पुलिस प्रशासन ने उसे कैसे नजरअंदाज किया? क्या यह एक जानबूझकर की गई लापरवाही थी या फिर कुछ बड़े अधिकारियों की मिलीभगत थी, जो इस इंटरव्यू को रोकने में नाकाम रहे? उच्च न्यायालय के आदेशों और राज्य सरकार की कार्यवाही को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
राज्य सरकार और पुलिस अधिकारियों को अब यह साबित करना होगा कि उनके कार्यों में कोई लापरवाही नहीं थी और वे सचमुच कानून के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं। इसके साथ ही, यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि इस मामले में उच्च अधिकारियों की भूमिका क्या थी और क्या उन्हें किसी प्रकार की राहत दी गई थी।
राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल
राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए, विपक्षी दलों ने इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्य सरकार बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए निचले अधिकारियों को बलि का बकरा बना रही है। इस मामले में न्यायालय ने भी कई बार राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर संदेह व्यक्त किया है।
डीएसपी गुरशेर सिंह के खिलाफ की गई कार्रवाई ने कई सवालों को जन्म दिया है। एक तरफ राज्य सरकार का कहना है कि वह कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उच्च न्यायालय का कहना है कि बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए निचले अधिकारियों को दोषी ठहराया जा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में राज्य सरकार और पुलिस क्या कदम उठाती है और क्या गुरशेर सिंह को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। यह मामला भारतीय पुलिस व्यवस्था और न्यायिक प्रणाली पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कब की जाएगी